गुरू दे विच रब दिसदा (पंजाबी)
गुरू दे विच रब दिसदा गुरू दी शरनी जावां
चरण चुम गुरुवर दे नित-नित शीश नवावां-
1. गुरू ते गोबिंद दोनों खड़े सी मैं की जाणां कौन बड़े सी
गुरू ने जदों रब दस दित्ता गुरू दे वारि-वारि जावां
-गुरू दे विच रब दिसदा------------
2.गुरू मेर ब्रह्मा विष्णु गुरू हैं शिवशंकर-महादेव गुरू हैं
गुरू जेया कोई होर न दूजा गुरू दे वारि-वारि जावां
-गुरू दे विच रब दिसदा------------
3.जद तों गुरू-नाल लगन लगाई गुरू ने जीने दी युक्ति सिखाई
सोणा ज्या रस्ता जदों दस दित्ता गुरू दे वारि-वारि जावां
-गुरू दे विच रब दिसदा------------
4.कामादि सब दोष मिटांदे साधक दे भव-बंध छुड़ांदे
भक्तां दा जीवन सफल बनांदे गुरू दे वारि-वारि जावां
-गुरू दे विच रब दिसदा------------
5.गुरू दी पूजा मेरा सहारा गुरू -मंत्र ही प्राण-अधारा
गुरू-भक्ति विच आनंद पावां गुरू दे वारि-वारि जावां
-गुरू दे विच रब दिसदा------------
6.ईश्वर-कृपा तद ही होवे रहम-नज़र जद गुरू दी होवे
सत-चित-आनंद रूप लखांदे गुरू दे वारि-वारि जावां
-गुरू दे विच रब दिसदा------------
7.गुरू दी जय-जयकार मनावां जय गुरू कहंदे कदम बढ़ावां
एहो ई मन नूं चंगा लगदा गुरू दे वारि-वारि जावां
-गुरू दे विच रब दिसदा------------
(तर्ज़-वे लैदे मैंनूं मखमल दी पखी घुंघरुआं वाली----------)
आया जन्मदिवस (पंजाबी)
आया जन्मदिवस अज मेरा वे/नी अज मैंनूं नच लैण दे
खुशियां दालगा अज मेला वे/नी अज मैंनूं नच लैण दे-
1.चारों ओर बहारां-बहारां चमकण सोणियां बंदनवारां नाचे मन दा मगन मयूरा वे
नी अज मैंनूं नच लैण दे-आया जन्मदिवस---------
2.सोणे जये दिन होण चांदी जयी रातां खुशी नाल होण हर पल मुलाकातां नाचे मन दा मगन मयूरा वे
नी अज मैंनूं नच लैण दे-आया जन्मदिवस---------
3.स्वस्थ रहो हर पल मुस्काओ मन में उमंग ले बढ़्ते जाओ नाचे मन दा मगन मयूरा वे
नी अज मैंनूं नच लैण दे-आया जन्मदिवस---------
4.मेरे अंगना रौनकां छाइयां संगतां आइयां दैण वधाइयां नाचे मन दा मगन मयूरा वे
नी अज मैंनूं नच लैण दे-आया जन्मदिवस---------
(तर्ज़-मेरे वेड़े विच नचण बहारां वेड़े विच श्याम आ गए----------)
हे दीनबंधु
हे दीनबंधु हम दीन जन पर दृष्टि दया की करते ही रहना
हे करुणासिंधु करुणा की जल से गगरी हमारी भरते ही रहना-
1.तुमने ही सारी सृष्टि रचाई, पालन किया प्रभु इज्ज़त बचाई
आगे भी अपनी कृपा से दाता रक्षा हमारी करते ही रहना
-हे दीनबंधु-----------
2.हमने तो हर नाता तुझसे जोड़ा, कैसे निभे ये तुझ पर ही छोड़ा
कोई जतन कर हे जग की स्वामी कल्याण हरपल करते ही रहना
-हे दीनबंधु-----------
3.तुम हो हमारे हम हैं तुम्हारे, बरसाते हो तुम ही प्रेम-धारे
हमको तो बस चिंतन अपना देकर चिंता हमारी करते ही रहना
-हे दीनबंधु-----------
4.तेरे सहारे जीवन हमारा, मंझदार में भी तुम हो किनारा
आते रहें चाहे तूफान कितने खबर हमारी करते ही रहना
-हे दीनबंधु-----------
(तर्ज़-मेरे वेड़े विच नचण बहारां वेड़े विच श्याम आ गए----------)
गुरू दे विच रब दिसदा . . .
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