मैय्या-भजनमाला - हिन्दी भजन - लेखिका लीला तिवानी
जय माता दी
भजन-1. तर्ज़-(दे-दे जोगिया मैं तो यही वर चाहूं-----)
शेरांवाली मां हमको तेरा ही सहारा तेरा ही सहारा हमको तेरा ही सहारा-शेरांवाली मां----
1.तू है लाल चुनरिया वाली खुशियों की लाली देने वाली लालों-लाल बनादे मैय्या तेरा ही सहारा-शेरांवाली मां----
2.तू है मैय्या शेरांवाली शेरों-सी शक्ति देने वाली तन-मन सबल बनादे मैय्या तेरा ही सहारा-शेरांवाली मां----
3.तू है मैय्या जोतांवाली सारा जग चमकाने वाली मन की जोत जगादे मैय्या तेरा ही सहारा-शेरांवाली मां----
4.हमको अपना दास बनादे मन में अपनी लगन लगादे दरश दिखादे मैय्या तेरा ही सहारा-शेरांवाली मां----
भजन-2. तर्ज़-(तेरे रूप की हो गई बल्ले-बल्ले-----)
मां की लाल चुनरिया बल्ले-बल्ले मां का रूप निखारे बल्ले-बल्ले-मां की लाल चुनरिया------
1.विष्णुजी को भा गई लाल चुनर लक्ष्मी रानी कहती बल्ले-बल्ले-मां की लाल चुनरिया------
2.शिवजी को भा गई लाल चुनर गौरां रानी कहती बल्ले-बल्ले-मां की लाल चुनरिया------
3.रामजी को भा गई लाल चुनर सीता रानी कहती बल्ले-बल्ले-मां की लाल चुनरिया------
4.श्यामजी को भा गई लाल चुनर राधा रानी कहती बल्ले-बल्ले-मां की लाल चुनरिया------
5.भक्तों को भा गई लाल चुनर सारी संगत कहती बल्ले-बल्ले-मां की लाल चुनरिया------
भजन-3. तर्ज़-(उलझी लट सुलझा जा कन्हैया मेरे हाथों में मेंहदी लगी-----)
मेरी भी झोली भरो अम्बे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी इतनी-सी विनती सुनो अम्बे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी-
1.तुम तो ममता का सागर हो मैय्या ममता की तुझको दुहाई हे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी-
2.तुम तो करुणा का आंचल हो मैय्या आंचल की शोभा बढ़ादो हे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी-
3.तुम तो समता का बादल् हो मैय्या बरसादो प्रेम-बदरिया हे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी-
4.खुशियों के भंडार तेरे ही चेरे भर दो खुशी से गगरिया हे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी-
5.मेरी तो नैय्या है तेरे हवाले कर दो सीधी डगरिया हे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी-
भजन-4. तर्ज़-(दुपट्टा मेरा चांदनी कोई धानी रंगा लाए-----)
मैय्याजी के भवन बड़े दिल छोटा मैं घबराऊं कि मैय्या मेरी दूर बस गई मैं कैसे वहां जाऊं-
1.सोने की झारी में गंगाजल लाई कि मैय्या मेरी दूर बस गई कैसे जाके नहला आऊं-मैय्याजी के------
2.लाल चुनरिया गोटे से सजाई कि मैय्या मेरी दूर बस गई कैसे जाके ओढ़ा आऊं-मैय्याजी के------
3.चांदी की कोली में चंदन सजाया कि मैय्या मेरी दूर बस गई कैसे जाके लगा आऊं-मैय्याजी के------
4.सोने के कंगने में मोती जड़े हैं कि मैय्या मेरी दूर बस गई कैसे जाके पहना आऊं-मैय्याजी के------
5.मैय्या ही बुलाती है दर्शन कराती है कि मैय्या ही बताएगी मैं कैसे वहां आऊं-मैय्याजी के------
भजन-5. तर्ज़-(कुंडा खोलो मेरी मां लंबे हाथ करके-----)
मां ने मेरी आस पुजाई अम्बे मां की जय-जय बोलो अम्बे मां की जय-जय--------
1.मैंने मां से विनती की थी कभी तो खुशियां दे दो मां ने तुरंत ख़ज़ाना खोला बोली अब ही ले लो-मां ने मेरी आस---------
2.मैंने मां से विनती की थी कभी घर में आना मां बोली ले आज चली मैं कल को किसने जाना-मां ने मेरी आस---------
3.मैंने मां से विनती की थी तन-मन स्वस्थ बनादे मां बोली ले एक दवाई मुझसे लगन लगा ले-मां ने मेरी आस---------
4.मैंने मां से विनती की थी कुछ उपहार तो दे-दे सिर पर हाथ रखा मां ने बोली आशीष ले-ले-मां ने मेरी आस---------
भजन-6. तर्ज़-(मत कर सासू बेटा-बेटा अब ये बलमा मेरा है-----)
लाल चुनरिया ओढ़के मैं भक्तों के घर में आऊंगी खुशियां मनाएंगे सब मिलके मैं भी शगन मनाऊंगी-
1.मेरे पीले शेर को देख मेरे भक्तों को डर न लगे इसीलिए पीली हौंडा सिटी कार में बैठके आऊंगी-लाल चुनरिया ओढ़के---------
2.भक्त मेरे घर आते हैं कोई भेंट प्रेम से लाते हैं मैं भी भक्ति-शक्ति-धीरज-सद्गुण भेंट में लाऊंगी-लाल चुनरिया ओढ़के---------
3.सब गाएंगे भजन प्रेम से मैं भी संग में गाऊंगी भक्त नचाएंगे मुझको मैं झूम-झूमकर नाचूंगी-लाल चुनरिया ओढ़के---------
4.मैं भक्तों की भक्त हैं मेरे नाता हरदम बना रहे मैं उनके घर आऊंगी कभी उनको घर में बुलाऊंगी-लाल चुनरिया ओढ़के---------
भजन-7.
ऐसी दया करो महाराणी तेरा नाम न बिसरे मन से तेरा नाम न बिसरे मन से,तेरा नाम न बिसरे मन से-ऐसी दया-------------
1.हम तो मैय्या द्वार तिहारे आए बनके सवाली हमने सुना था दयावान है मैय्या भोली-भाली पूजा की हम रीत न जानें याद करें तुझे मन से-ऐसी दया-------------
2.हम तो मैय्या द्वार तिहारे भेंट श्रद्धा की लाए हमने सुना था दानी मैय्या भाव से खुश हो जाए हमको भी कुछ शलक्ति दे-दे पूजें हम तन-मन से-ऐसी दया-------------
3.हम तो मैय्या द्वार तिहारे प्रेम का दीपक लाए तू चाहे तो भक्ति की बाती जगमग जोत जगाए मांगें हम जीवन सज जाए भक्ति के शुभ धन से-ऐसी दया-------------
भजन-8. तर्ज़-(यह विनती है भगवान तू बिगड़ी बना देना-----) - श्री हरि भजनामृत से उद्धृत
आओ भोग लगाओ अम्बे मां नमन हम करते हैं मन से पूजन कर मां नमन हम करते हैं-
1.भोग में बर्फ़ी-सील-मिठाई लाए हैं मोदक साथ नमन हम करते हैं-आओ भोग लगाओ-----------
2.भोग में प्रेम से फल महैं लाए किशमिश-मेवा साथ नमन हम करते हैं-आओ भोग लगाओ-----------
3.भोग में लाए सौंफ-इलायची मीठी मिश्री साथ नमन हम करते हैं-आओ भोग लगाओ-----------
4.भोग में लाए हैं पान-सुपारी ध्वजा-नरेला साथ नमन हम करते हैं-आओ भोग लगाओ-----------
5.भोग को अमृत रूप बनादो जो खाए हर्षाय नमन हम करते हैं-आओ भोग लगाओ-----------
6.भोग में बर्फ़ी-सील-मिठाई लाए हैं मोदक साथ नमन हम करते हैं-आओ भोग लगाओ-----------
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