जादुई पन्ना एक

समय बहुत ही है अनमोल संबंध सुहाना है नियत समय पर होता है पानी जीवनदाता है
अब सावन को आने दो गीत खुशी के गाता रहे इन्द्रधनुष था हाथ में आया पॉल्यूशन का सॉल्यूशन
थोड़ा और जी लूं भूल न जाना बहिना को रोको अन्याय के धारों को स्वाइन फ्लू से त्राण दिलाओ
भुलाए नहीं भूलतीं वे मधुर-स्मृतियां मुस्कुराओ-मुस्कुराओ-मुस्कुराओ जब वह मुझसे भी आगे निकल गई आनंद-फल का मधुरस पी लो
संत मिले कोई ऐसा उस रोज़ दिवाली होती है कविता, जादू है... पहेली है… जीवन को सफल बनाते हैं
जिस ओर नज़र जाए, बस प्रेम-तराना है आत्मजा ऐसे ही बनते होंगे मुहावरे जादुई एसएमएस का कमाल
तू जीरो बनके देख जरा मुझे गीत वसंत का गाने दो हम भी खुश हो झूमेंगे भक्तों को नहीं भुलाते हैं
खिले गुलाब सा वह चेहरा याद है नारी, तुम्हें अबला कहा जाता है महिला दिवस पर विशेष कविताः अघरा शक्ति की देवी दुर्गे
जब बहू ने दिल जीत लिया याद है वह अनमोल उपहार और अब मैं भी ऐसा ही करती हूं मन के गुलशन में बहार आ गई

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